Mere Khayal,Meri Zubani
Saturday, 1 December 2012
चंद लफ़्ज़ों में बड़ी कहानी
लम्बा है सफ़र बड़ी दूर तलक जाना है
दिल भर गया इस जहाँ से
अब आसमानों से हाथ आजमाना है ...
ख़ुशी है मुझे .....
ख़ुशी है मुझे कि मेरी मौत का किसी को गम नहीं
ख़ुशी है मुझे कि मेरे जाने से किसी की आँखे नम नहीं
ख़ुशी है मुझे कि मेरे विदा होने पे कोई नहीं
ख़ुशी है मुझे कि किसी ने आज कुछ भी खोया नहीं
ख़ुशी है मुझे कि मेरी याद किसी को न आएगी
ख़ुशी है मुझे कि इक रात के साथ ये बात भी बीत जाएगी ....
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