क्यों हो जाती है ये आँखें नम
आंसू भी पड जाते है कभी कभी कम
मिल जाए मुझे भी कोई हमदम
जो साथ रहे मेरे हर दम
मैं और वो मिल कर बने हम
करू जब हाल ए दिल बयां
तो ये जहाँ भी पड जाए कम
करू जब याद उसे तो अमावस भी
लगे पूनम
हो जब वो उदास तो सूरज भी
हो जाए गुम
पास न हो मेरे जब तो
रौशनी भी लगे तम
इस जहाँ से जुदा हैं मेरे गम
शायद इसीलिए हो जाती है ये आँखें नम......
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