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Saturday, 4 May 2013

Jeevan

  जीवन के  इस जाल  में
कंगाल हो गया  हू
पहले तो  बदहाल था
अब बेहाल हो गया हू
 गुजर गया एक लम्हा
 पलक झपकने से पहले
मैं खुद ही में उलझा
एक सवाल हो गया हू ......

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