Mere Khayal,Meri Zubani
Sunday, 19 May 2013
Meri diary ....
मेरे खयाल में आज एक सवाल है
है ये प्यार बेमिसाल या बस धडकनों का उबाल है।
गुरूर-ए - दौलत तो चंद लम्हों का मेहमान है
कभी रुतबा , कभी शान है
जो न जकड़े इस बेमाने जाल में
बस वही तो सच्चा इन्सान है ...
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