badge

Saturday, 29 August 2015

Sapno Ka Jahaan

आ चल पलकों की चादर में एक ख़ाब समेंटे
पहले प्यार,ख़ुशी और सारे भाव
रुपया पैसा उसके बाद समेंटे
शिथिल रौशनी की जगमगाहट
बनावट की चकाचौंध से
आ चल अंधेरों में सुकून से भरा आसमां समेंटे
प्रयासों की निरंतरता से उपजी वो थकान समेंटे
छोटी-छोटी बातों पे अपने अपनों की
वो हलकी सी मुस्कान समेंटे
आ चल पलकों की चादर में
खुशियों से भरा जहां समेंटे। 

No comments:

Post a Comment