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Monday, 10 September 2018

एक नज़्म




बारिश अभी थमी है
बादलों का जो घना साया है वो अभी छटा है
गीले फर्श पर चटाई बिछाए  यु आसमां को ताकते
सोचता हूँ
कि  ये सितारे क्यूँ रोशन है
क्या किसी के खुश होने का इज़हार है इनसे
या किसी खबर की आहट इन्हे है
मैं  तो खुश नहीं आज
ये रात का अँधेरा
भीड़ में सन्नाटा
सफर के हर कदम को महसूस कर रहा हूँ
कुछ वो कदम जब मैं  ख़ुशी से दौड़ा था
कुछ वो जहा की ठहर के देखा था ख़ुदको
कुछ वो भी जहां  लड़खड़ा गया
आज जो ये रात और अँधेरा है तो सोचता हूँ  की सुबह कब होगी
इंतज़ार है मुझे उस सवेरे का जब ये आसमान
बारिश से धुली धूप  से चमक उठेगा
वो धूप  जो न किसी की आँखों को चुभे
ना ही किसी के बदन को झुलसा दे
रात गुज़रेगी
दिन होगा
ये सफर ना जाने कब ख़त्म होगा

Sunday, 9 April 2017

10.04.2017

सुना है वो खुद पे किताब लिख रहे है
न जाने क्यों लफ्ज़ो को शर्मसार कर रहे है 

Saturday, 29 August 2015

Jumle Hazaar

वो कहते रहे जुमले हज़ार
और ये दिल तबले की थाप सा बजता रहा
असमंजस की क्या कहूँ इनसे
जो ये समय ही मेरा ना रहा
खिसक रही है मंजिलें
रास्ता फिसल रहा
वो कहते रहे जुमले हज़ार
मैं बिजली के तार सा जलता रहा
वक़्त बदल देता है हर इंसान को
ये वक़्त की कैफियत है
क्या है वो इंसान
जो वक़्त से पहले ही बदल रहा
वो कहते रहे जुमले हज़ार
मैं टूटे हुए हार सा बिखरता रहा। 

Sapno Ka Jahaan

आ चल पलकों की चादर में एक ख़ाब समेंटे
पहले प्यार,ख़ुशी और सारे भाव
रुपया पैसा उसके बाद समेंटे
शिथिल रौशनी की जगमगाहट
बनावट की चकाचौंध से
आ चल अंधेरों में सुकून से भरा आसमां समेंटे
प्रयासों की निरंतरता से उपजी वो थकान समेंटे
छोटी-छोटी बातों पे अपने अपनों की
वो हलकी सी मुस्कान समेंटे
आ चल पलकों की चादर में
खुशियों से भरा जहां समेंटे। 

Armaan

बेसब्र आँखों से नुमाइश न कर
 दिल में छिपे अरमानो की
अक्सर ये आँखों से
दरिया बन निकलते है। 

Har Kadam ..

हर कदम मुश्किलें
हर कदम लड़ाई है
मेरा क्या कसूर ऐ खुदा
जो मेरी तक़दीर अजब बनाई है
मंजिलें बेफिक्र मुझसे
मैं उनको बेताब सा
हर कदम फिसल रहा
हर कदम चढ़ाई है
चल रहा हूँ राह पर
जो तूने ही दिखलाई है
हर कदम बदलती फ़ितरतें
हर कदम अंगड़ाई है।  

Friday, 28 August 2015

Gujaarish

तू इतना करम मुझपे करना ऐ  खुदा
ये निशा गुजर जाए
औ निशां न रहे।